किसी भी महिला को माँ बनने पर बहुत ख़ुशी होती है। उसे माँ बनने की ख़ुशी के साथ बहुत सारी बातें दिल में आती है जो शिशु के पालन पोषण के बारे में होती हैं। आपको यह बता दें की शिशु के लिए जन्म से 6 महीने तक माँ का दूध ही सबसे जरूरी होता है। इसमें शिशु के लिए बहुत सारे पोषण तत्व होते हैं। मातृत्व से जुड़ी कई तरह की बातें उसके लिए नई होती है। उसे अपने शिशु को दूध पिलाने में भी कई परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। आइये आज हम आपको बताएंगे कि नवजात शिशु को कितनी बार दूध पिलाना चाहिए?
नवजात शिशु को कितनी बार दूध पिलाना चाहिए?
नवजात शिशु को एक दिन में 8 से 12 बार दूध पिलाना चाहिए। उसे कब भूख लग रही है तथा कब सोना है उसका संकेत शिशु देता है, जिसे माँ को समझना होगा। अगर आप एक नवजात शिशु की माँ है तो आपको बता दें कि जब भी शिशु को भूख लगेगी वह हाथ-पैर हिलाने लगगे और मुँह खोलने लगेगा। अगर नवजात को बहुत ज्यादा भूख लगेगी तो वह जोरों से रोने भी लग सकता है।
चिकित्स्कों के अनुसार नवजात शिशु को 4 घंटे से ज्यादा समय तक भूखा नहीं रखना चाहिए अर्थात 4 घंटे के अंदर-अंदर उसे दूध पिलाना चाहिए। नवजात शिशु को दिनभर में कम से कम 12 बार दूध पिलाना आवश्यक है। इस समय में माँ को दूध काफी फायदेमंद माना जाता है। जैसे जैसे शिशु बढ़ा होता है उसे ज्यादा भूख लगती है और वह ज्यादा दूध पीता है।
आपको बता दें की शुरू के 1 से 3 महीने के अंदर आपका शिशु 7 से 9 बार प्रतिदिन भोजन करेगा। इस दौरान उसे 7 से 9 बार दूध पिलाना आवश्यक है। 3 महीने बाद शिशु को 24 घंटे में 6 से 8 बार फीडिंग की ज़रूरत होती है। उसके बाद 6 महीने में आपका शिशु दिन में लगभग 6 बार भोजन करना चाहेगा।
ब्रेस्ट फीडिंग के दौरान रखें यह सावधानियां
- ब्रेस्ट फीडिंग करने वाली माँ को कई बातों का ध्यान रखना होता है, ख़ास कर अपने खान पान और स्वास्थ्य का, क्योकि इसका असर माँ के शरीर पर पड़ता है और शरीर में निर्मित होने वाले दूध की गुणवत्ता को भी प्रभावित कर सकता है।
- ब्रेस्ट फीडिंग कराने वाली माँ को मिल्क प्रोडक्ट का ज्यादा सेवन नहीं करना चाहिए, इससे पाचन खराब हो सकता है या गैस भी बन सकती है।
- ब्रेस्ट फीडिंग के दौरान महिला को चाय तथा काफी के सेवन पर भी रोक लगाना चाहिए।
- प्रोटीन युक्त खाद्य पदार्थो का सेवन करना चाहिए ताकि शरीर स्वस्थ्य रह सकें और और बच्चे को पोष्टिक दूध मिल सकें।
- अपने दूध की गुणवता बढ़ाने के लिए हरी सब्जियां, ड्राई फ़ूड, दाल आदि का सेवन बढ़ाना चाहिए।
- तनाव नहीं लेना चाहिए और सही से नींद लेना चाहिए ताकि मानसिक रूप से भी स्वस्थ्य रहा जा सकें क्योकि इसका असर भी आप पर आपके बच्चे पर पड़ता है।
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