भगवत गीता एक ऐसा ग्रंथ है जिसके नाम लेने मात्र से ही समस्त पाप नष्ट हो जाते हैं। इसे भगवान श्रीकृष्ण का ह्रदय भी कहा जाता है। इसमें लिखी गयी हर एक बात साक्षात् भगवान श्रीकृष्ण के द्वारा बोली गयी है। इस ग्रंथ से व्यक्ति को कर्म, भक्ति व जीने की राह मिलती है। यह महाभारत के भीष्मपर्व का अंग है। अद्भुत ग्रंथ कहे जाने वाली भगवत गीता ब्राह्मणों द्वारा लिखी गयी है। आइये हम आपको बताते हैं कि भगवत गीता में कितने श्लोक हैं?
भगवत गीता में कितने श्लोक हैं?
भगवत गीता में कुल 700 श्लोक हैं। इसमें कुल 18 अध्याय हैं। इसमें 700 श्लोक होने के कारण इसे सप्तशती भी कहा जाता है। दुर्गा सप्तशती में भी 700 श्लोक हैं। गीता में महाभारत के दौरान भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन को जो उपदेश दिए थे उसका वर्णन है। गीता में आत्मा, परमात्मा, भक्ति, कर्म, जीवन आदि का वृहद रूप से वर्णन किया गया है।
गीता से यह ज्ञान मिलता है की हम जो भी कर्म आज कर रहे हैं, उसका फल हमें निश्चित रूप से प्राप्त होगा। इसमें इंसान के कई सवालों के जवाब दिए गए हैं जिसमे जीवन क्या है और इसे कैसे जीना चाहिए, आत्मा और परमात्मा का मिलन कैसे होते है, अच्छे और बुरे की समझ क्यों जरूरी है। इन सभी गूढ़ सवालों के जवाब हमें गीता से प्राप्त होते हैं।
भागवत गीता में ज्ञान, कर्म और भक्ति तीनों का संगम है। इसमें 18 अध्याय हैं। यह संख्या भी भगवान कृष्ण और वेदव्यास जी से बहुत बड़ा संबंध रखती है। इस संख्या को निम्नलिखित रूप से दर्शाया गया है :-
- महाभारत में 18 पर्व हैं।
- पुराणों की संख्या- 18 है।
- महाभारत में अक्षौहिणी सेना का परिमाण भी- 18 था।
- भगवत गीता में 18 अध्याय हैं।
- महाभारत का युद्ध 18 दिन तक चला।
- उपपुराणों की संख्या भी- 18 है।
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