नेपाल भारतीय और तिब्बती टेक्टोनिक प्लेट के बीच उपस्थित है जिस कारण यहाँ भूकंप आते रहते हैं, क्योकि यह टेक्टोनिक प्लेट अपने स्थान पर स्थित नहीं रहती है, हर वर्ष यह थोड़ी थोड़ी खसकती रहती है जिस के कारण यहाँ भूकंप आते रहते हैं।
नेपाल में फिर से भूकंप ने काफी नुकसान पहुचाया है, करनाली प्रांत के जाजरकोट और रुकुम पश्चिम में भूकंप के सबसे तीव्र झटकें देखे गये है। इस भूकम्प में अब तक 129 लोगों की मौत हो चुकी है और कई लोग घायल है, यह भूकम्प रात 11 बजकर 46 मिनट पर आया था और इससे पहले भी नेपाल कई बार भूकम्प के झटके झेल चुका है। पिछले महीने में यानिकी 22 अक्टूबर को धाडिंग जिले में 6.1 तीव्रता वाला भूकंप आया था। कल आये भूकंप की तीव्रता 6.4 मापी गयी है, कहा जा रहा है कि मरने वालो की संख्या में और बढोत्तरी हो सकती है।
इस भूकंप के कारण कई इमारते गिर गयी है जिसके मलबे में दबने से कई लोग खेल हो गये तथा कई लोगों की मौत तक हो गयी। भूकंप के बा राहत कार्य चालु है जिससे मलबे में फंसें लोगों को निकाला जा रहा है। जाजरकोट और रुकुम पश्चि में सबसे ज्यादा मौते हुई है तथा जाजरकोट इस भूकंप का केंद्र बताया जा रहा है। नेपाल के प्रधानमंत्री श्री पुष्प कमल दहल ने कई टीमों को राहत कार्य के लिए दुर्घटनाग्रस्त जगह पर जल्द से जल्द भेजा है और लोगों को हर जरुरी मदद का आश्वासन दिया। इस भूकंप का असर दिल्ली सहित भारत के उत्तर में देखा गया है।
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