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गरुड़ पुराण के अनुसार पुत्र प्राप्ति के उपाय / गर्भधारण का सही समय

गरुण पुराण को 18 महाग्रंथों में एक सर्वश्रेष्ठ ग्रंथ माना जाता है। इस पुराण में पक्षीराज गरुण से भगवान विष्णु कई संदर्भ में बात करते हैं, उन्ही बातों का उल्लेख इस पुराण में किया गया है। इसमें जन्म, मृत्यु, पुनर्जन्म, स्वर्ग, नर्क के साथ ही ज्ञान, विज्ञान और नीति-नियमों के बारे में भी बताया गया है, यह माना जाता है की हर दंपति को पुत्र प्राप्ति की तीव्र इच्छा होती है, यह इच्छा तब बढ़ जाती है जब उसे पहले से ही पुत्री की प्राप्ति हो चुकी हो। आज हम आपको गरुड़ पुराण के अनुसार पुत्र प्राप्ति के उपाय बताएंगे।

गरुड़ पुराण के अनुसार पुत्र प्राप्ति के उपाय

  1. गरूण पुराण के अनुसार अगर कोई दंपति पुत्र प्राप्ति की इच्छा रखते है तो उसे मासिक धर्म समाप्त होने के 8वें, 10वें, 12वें, 14वें और 16वें दिन यानी सम दिनों के मिलन से पुत्र प्राप्ति की संभावना अधिक होती है परन्तु 18 वे दिन के बाद पुत्र प्राप्ति की संभावना बहुत कम होती है।
  2. गरुण पुराण के अनुसार जो दंपति पुत्र प्राप्ति की इच्छा रखते हैं उन्हें मासिक धर्म के चार दिन एक दूसरे का मुख नहीं देखना चाहिए। चार दिन पूर्ण होने के बाद महिला को वस्त्र सहित स्नान करना चाहिए। इन दिनों के बाद पुरुष महिला का मुँह देख सकते हैं। इन दिनों के पूर्ण होने के 7 दिन पूर्ण होने के बाद महिला को भगवान की पूजा अर्चना करनी चाहिए। यह 7 दिन होने के पश्चात महिला संबंध बना सकती है। इससे उसे पुत्र की प्राप्ति होगी।
  3. गरुण पुराण के अनुसार आप मुलहठी,आंवला और सतावर को काटकर इन तीनों को अच्छी तरह से पीसकर कपड़छान कर लें। इसके पश्चात औषधि को रविवार से दूध के साथ सेवन करें। ऐसा करने से आपको पुत्र की प्राप्ति होगी।
  4. गरुण पुराण के अनुसार पत्नी को शनिवार के दिन चने की रोटियां बनानी है, इन रोटियों पर भलीभांति घी लगाएं। अब इन रोटियों के बीच कोई सुखी सब्जी रखें जो दो रोटियों के मध्य में ही रहे। यह रोटियां आपको किसी भूखे को दक्षिणा सहित खिलानी है। यह करने से आपको पुत्र की प्राप्ति होगी।
  5. गरुण पुराण के अनुसार पुत्र प्राप्ति हेतु सोमवार के दिन गर्भवती स्त्री देसी घी कपूर का एक कपूर का टुकड़ा ले। इस कपूर के टुकड़े को दो भागों में काट दें। यह करने के पश्चात इनमे से एक टुकड़ा अपने सामने जला दें और दूसरा मां भगवती के चरणों में अर्पित कर दें ऐसा करने से आपको स्वस्थ पुत्र की प्राप्ति अवश्य होगी।
  6. गरुण पुराण के अनुसार जन महिलाओं को गर्भपात होता है उन्हें झड़बेरी के पत्ते,आक के पत्ते,बबूल के पत्ते,पीपल के पत्ते,अरंड के पत्ते, 7 कुओं का पानी,सात चौराहों की मिट्टी लेकर अमावस्या के दिन एक कोरे बर्तन में डालकर किसी बेरी के पेड़ के नीचे जाकर स्नान करना है। यह करने से गर्भपात के रोग दूर हो जाएंगे और बच्चा भी स्वस्थ होगा।
  7. गरुण पुराण के अनुसार पुत्र प्राप्ति हेतु एक चांदी की बांसुरी राधा कृष्ण के मंदिर में पति-पत्नी दोनों गुरुवार के दिन चढ़ाएंगे तो गर्भपात होना बंद हो जाएगा और आपको पुत्र की प्राप्ति भी होगी।
  8. गरुड़ पुराण के अनुसार पुत्र प्राप्ति के उपाय हेतु शुभ नक्षत्र में गूंजा मूल को चांदी के खोल में भरकर कमर में महिला को धारण करना है। यह धारण करने वाली स्त्री अगर स्वस्थ हो तो पति से संपर्क करने पर आपको स्वस्थ पुत्र की प्राप्ति होगी।
  9. गरुण पुराण के अनुसार यदि प्रसव वेदना में अधिक कष्ट हो रहा हो तो नीम की जड़ लाकर स्त्री की कमर में बांध दी जाए तो प्रसव पीड़ा को कम किया जा सकता है। यह करने से संतान पर कोई दुष्प्रभाव भी नहीं पड़ेगा।
  10. गरुड़ पुराण के अनुसार कंड मुहूर्त में कलिहारी की जड़ लेकर गंगाजल से पवित्र करना है। उसे रेशमी धागे में बांधकर गर्भवती स्त्री के बाएं हाथ में बांधना है। ऐसा करने से प्रसव आसानी से हो जाता है और आपको स्वस्थ संतान की प्राप्ति भी होती है।
  11. गरुड़ पुराण के अनुसार यदि किसी स्त्री को पुत्र की प्राप्ति नहीं हो रही है तो ऊंटकटीरे की जड़ लेकर गाय के दूध में धोकर गर्भवती स्त्री के बालों में बांध देना है। यह करने से आप योग्य पुत्र की प्राप्ति आसानी से कर सकते हैं। जड़ को ब्रह्ममुहूर्त में गर्भिणी के बालों में बांधे तो विशेष लाभ हो सकता है।
  12. गरुड़ पुराण के अनुसार गर्भपात से बचने के लिए प्रथम मास में शुक्रवार को चावल बनाकर गाय को खिलाने चाहिए। द्वितीय मास में चने की दाल भिगोकर तोते को खिलाना चाहिए। तृतीय मास में बेल को गुड़ खिलाएं। चतुर्थ मास में गर्भवती स्त्री कच्ची मिट्टी पर पानी डालकर उसकी गंध सूंघे एवं तुलसी के दर्शन करें। पांचवें माह में थोड़ी उड़द की दाल खिलाएं तथा छठे माह में लोहे एवं तेल का दान करें। गर्भवती तिल के तेल की मालिश करवाएं। आने वाले सातवे, आठवें नौवें माह में अच्छे पकवान बनाकर किसी विद्वान ब्राह्मण को खिलाएं। इन सभी महीनो में दान पुण्य करने से आपको पुत्र की प्राप्ति होगी।
  13. गरुण पुराण के अनुसार अगर आपको पुत्र प्राप्ति में कठिनाइयां आ रही हैं तो आप पूर्वाफाल्गुनी नक्षत्र में आम की जड़ को लाकर शहद से धो लें तथा गाय के दूध में उबालकर गर्भिणी को पिलाएं। यह करने से बाँझ स्त्री को भी संतान की प्राप्ति होगी।
  14. जिन दंपति को पहली संतान पुत्री हुई है। उन्हें उसके नामकरण वाले दिन उस कन्या के चरण स्पर्श करते हुए पुत्र जन्म की प्रार्थना करनी है और पूरा परिवार उस दिन जलेबी तथा खीर का प्रसाद ग्रहण करें तो अगली संतान लड़का ही प्राप्त होगी।
  15. पुत्र प्राप्ति हेतु रविवार को ब्रह्ममुहूर्त में तुलसी जी के 11 पत्ते तोड़कर जल से धोकर कपिला गाय के दूध में पीसकर ऋतु काल में 5 दिन नित्य 4-4 तोला स्त्री को पिलाएं। ऐसा करने से बाँझ स्त्री को भी पुत्र प्राप्त होगा।
  16. जीव-अमृत मुहूर्त में बरगद के पेड़ की जड़ को पूर्वी-फाल्गुनी नक्षत्र के दिन प्राप्त करें। इसे ऐसी महिला जो नि:संतान हो वह किसी धागे में बांधकर अपनी भुजा पर धारण कर ले तो उसे संतान लाभ हो सकता है।
  17. गरुण पुराण के अनुसार गर्भिणी मंगवार के दिन 22 पीपल के पत्ते लेकर जल से धो लें। कुशा के आसन पर बैठकर पूर्व दिशा में मुख करके हर पत्ते पर राम लिखें और इन्हे हनुमान मंदिर में अर्पित कर दें। ऐसा करने से आपको पुत्र अवश्य प्राप्त होगा।
  18. पुष्य नक्षत्र में सफ़ेद फिटकरी का ढेला लेकर फुला लें। अब उस फिटकरी के टुकड़े को 07 बार सिर के ऊपर से वारकर किसी चलते पानी में प्रवाहित कर दें। गरुड़ पुराण के अनुसार पुत्र प्राप्ति का यह एक अचूक उपाय माना जाता है।
  19. गरुण पुराण के अनुसार पुत्र प्राप्ति के उपाय को ब्रह्ममुहूर्त में करना श्रेष्ठ माना जाता है। इस मुहूर्त में जिस स्त्री की पहली संतान लड़का हो, उस लड़के की नाल जो निःसंतान स्त्री खोलेगी उस स्त्री को अवश्य ही संतान के रूप में पुत्र प्राप्त होगा। गरुड़ पुराण के अनुसार पुत्र प्राप्ति का यह उपाय काफी शक्तिशाली माना गया है।
  20. गरुड़ पुराण के अनुसार पुत्र प्राप्ति के उपाय को अग्नि मुहूर्त में करना उत्तम माना गया है। इस मुहूर्त में आप एक पीली कौड़ी और हरसिंगार की 03 इंच के बराबर जड़ को एक पीले रंग के कपड़े में ताबीज़ के समान बनाकर धारण कर लें। ऐसा करने से गर्भिणी को पुत्र की प्राप्ति होती है।

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