हिन्दू धार्मिक ग्रंथों में 16 संस्कारों का वर्णन आता है, इन 16 संस्कारों में विवाह को सबसे महत्वपूर्ण संस्कार माना गया है। विवाह के पूर्व वर तथा कन्या के जन्म और नामानुसार गुण मिलान करके ही रिश्ते तय किए जाते हैं। ज्योतिषशास्त्र में विवाह के लिए कुल 36 गुण माना जाते हैं जिनमें 50 प्रतिशत गुण मिलन को विवाह के लिए ठीक माना जता है। इससे ऊपर जितने गुण हो बेहतर माने जाते हैं। गुण मिलान की प्रक्रिया में बनने वाले दोषों में से एक है ‘नाड़ी दोष’ जिसे सबसे अधिक अशुभ दोष माना जाता है। इस आर्टिकल में हम जानेंगे वर-वधू की नाड़ी एक हो तो आगे क्या समस्या आ सकती है ?
वर-वधू की नाड़ी एक हो तो आगे क्या समस्या आ सकती है
नाड़ी तीन प्रकार की होती है, आदि नाड़ी, मध्या नाड़ी तथा अन्त्य नाड़ी। अगर वर और वधु दोनों की एक नाड़ी है, तो निवारण अनिवार्य है। अगर बिना निवारण के वर और वधु का विवाह होता है, तो इन समस्याओ का सामना करना पड़ सकता है :
- नाड़ी दोष होने पर कन्या यानी वधु को गर्भ धारण में परेशानी आ सकती है।
- यदि वधू गर्भवती हो भी गयी हो तो, होने वाली संतान भी असामान्य पैदा हो सकती है।
- नाड़ी दोष लगने पर अकस्मात मुसीबत आती रहती है।
- यदि कुंडलियों में नाड़ी दोष है तो वर और वधु के बीच संबंध बेहद कटु रहते हैं।
- दोनों की नाड़ी समान होने पर वियोग की अर्थात तलाक की संभावना रहती है।
- मध्य नाड़ी दोष लगने पर वर-वधू में से एक या दोनों की मृत्यु की संभावना बनी रहती है।
नाड़ी दोष को दूर करने के उपाय
यदि अज्ञानता वश या किसी परिस्थिति में आपका विवाह सामान नाड़ी वाले व्यक्ति से हो गया है तो आपको नाड़ी दोष लगा हैं। आपका इस दोष को दूर करने के लिए निम्न उपाय कर सकते हैं :
- नाड़ी दोष को दूर करने के लिए वर और वधु दोनों को महामृत्युंजय मंत्र का जाप करना चाहिए।
- इस दोष के प्रभाव को कम करने के लिए गौ, स्वर्ण अनाज, भोजन और कपड़ों का दान करना चाहिए।
- यदि आप सामर्थ्य है तो आप अपने वजन के बराबर अन्न का दान कर सकते हैं। कई ज्योतिष नाड़ी दोष को दूर करने के लिए वजन बराबर अन्न दान करने की सलाह देते हैं।
आशा करते हैं आपको यह जानकारी अच्छी लगी होगी। अधिक सहायता के लिए आप अपने ज्योतिषी / पंडित से सलाह ले सकते हैं।
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