‘श्रीमद् भगवतम्’ के 12 अध्याय इस मंत्र के 12 अक्षर के विस्तार के रूप में लिए गए हैं। इस मंत्र को दो नामों से जाना जाता है, इसे द्वादसाक्षरी मंत्र या बस द्वादसाक्षरी भी कहा गया है। इस मंत्र को मुक्ति का मंत्र के नाम से भी जाता है और मोक्ष प्राप्त करने के लिए एक आध्यात्मिक सूत्र के रूप में माना जाता है यह मंत्र ‘श्रीमद् भगवतम्’ का प्रमुख मंत्र है इस मंत्र का वर्णन विष्णु पुराण में भी मिलता है। यह मंत्र भगवान विष्णु और श्रीकृष्ण दोनों का मंत्र है। आज हम आपको ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नमः मंत्र का अर्थ: और लाभ बताएंगे।
ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नमः मंत्र का अर्थ:
ॐ – ॐ यह ब्रंह्माडीय व लौकीक ध्वनि है।
नमो – नमस्कार।
भगवते – शक्तिशाली, दयालु व जो दिव्य है।
वासुदेवयः – वासु का अर्थ हैः सभी प्राणियों में जीवन और देवयः का अर्थ हैः ईश्वर। इसका मतलब है कि भगवान (जीवन/प्रकाश) जो सभी प्राणियों का जीवन है।
वासुदेव भगवान! अर्थात् जो वासुदेव भगवान नर में से नारायण बने, उन्हें मैं नमस्कार करता हूँ। जब नारायण हो जाते हैं, तब वासुदेव कहलाते हैं।
ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नमः मंत्र के लाभ
ॐ नमो भगवते वासुदेवाय मंत्र का महत्व बहुत ही विशाल है क्योंकि इस मंत्र में दो भगवानों की शक्ति है भगवान विष्णु और भगवान कृष्ण यह मंत्र इन दोनों भगवानों को समर्पित किया गया है। इस मरता के अनगिनत लाभ है।
- इस मंत्र का जप करने से सारी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
- आपके मन में आने वाले नेगेटिव वचारों को यह मंत्र पल भर में शांत कर सकता हैं।
- माना जाता है इस मंत्र का जाप करने से पितृ दोष दूर हो जाता है।
- इस मंत्र के जप सभी ग्रहों के दुष्प्रभाव को शांत करता हैं।
- ॐ नमो भगवते वासुदेवाय महामंत्र सर्वकल्याण मंत्र है।
- इस मंत्र को मुक्ति का स्त्रोत बताया गया हैं। इसके जप मात्र से भगवत प्राप्ति होती हैं।
- इस मंत्र की शक्ति से आपके भव बंधन टूटने लग जाएंगे और एक समय ऐसा आएगा कि आपका मन संसार की चीजों के अंदर उलझना बंद कर देगा और वह बस भगवान की भगती के अंदर रम जाएगा।
यह भी पढ़ें: