दो शब्दों से मिल कर बना है पशुपति : पशु और पति । पशु मतलब जीव और पति अर्थात स्वामी। पशुपति अर्थात प्रत्येक जीव के स्वामी मतलब भगवान शंकर। पशुपतिनाथ का व्रत सोमवार को किया जाता है। ये व्रत भगवान शंकर को अर्पित किया जाता है। इस दिन सुबह स्नान कर के स्वच्छ एवं साफ कपड़े पहन कर पूजा की थाली और कलश मंदिर में ले जा कर शिवलिंग का जल से अभिषेक और पूजन किया जाता है। इस दिन महिलाएं व्रत रखती हैं। किन्तु कुछ महिलाएं पुरे दिन बिना कुछ खाये नहीं रह पाती और उन्हें कमजोरी आने लगती है! ऐसे में इन महिलाओं का सवाल होता है कि पशुपति व्रत में क्या खाना चाहिए? और क्या नहीं? तो चलिए हम आपको बताते हैं कि पशुपति व्रत में क्या खाना चाहिए?
पशुपति व्रत में क्या खाना चाहिए?
यदि आप भी पशुपतिनाथ का व्रत करती हैं तो निम्न वस्तुओं का सेवन आप कर सकती हैं।
पशुपति व्रत में कर सकती है फलों का सेवन
पशुपति व्रत में आप फलों का सेवन कर सकती हैं जिससे आपको थकान और कमज़ोरी महसूस नहीं होगी। लेकिन आप फलो को सुबह की पूजा के बाद ही खाये तो बेहतर होगा। व्रत का संकलप लेने से पूर्व आप कुछ भी ग्रहण नहीं कर सकते। पूजन के पश्चात्आ प इन फलो का सेवन कर सकती हैं:
- चीकू
- अंगूर
- संतरा
- अमरूद
- पपीता
- अनार
- अनानास
- स्ट्रॉबेरी
- कीवी
इन सभी फलों का सेवन आप पशुपति व्रत में कर सकते हैं।
फलों के रस का सेवन
फलों का सेवन के साथ-साथ आप फलों के रस का भी सेवन कर सकते हैं। फलों का रस बहुत ही फायदेमंद होता हैं। इससे आपको थकावट भी महसूस नहीं होगी। जूस पीने से आपको ऊर्जा मिलेगी। मौसमी फलों का सेवन करें जिससे आपको कोई एलर्जी भी नहीं होगी।
दूध और दूध से बनी चीजों का सेवन
पशुपति व्रत में आप दूध का सेवन भी कर सकते है। दूध पीने के अलावा आप दूध से बनी हुई काई अन्य चीज़ जैसे
- दही
- खोया
- छाछ
- पनीर
- मिठाई
आदि का भी सेवन कर सकते है। आप दूध के साथ साथ ड्राई फ्रूट का भी सेवन कर सकते हैं।
चाय पी सकते हैं
कुछ व्रत ऐसे भी होते है जिन में चाय पीना भी वर्जित होता हैं। कुछ महिलाएं चाय के बिना व्यथित हो जाती है, बिना चाय पिए उन्हें सर दर्द होने लगता है तो ऐसी महिलाएं पशुपति व्रत में चाय का सेवन कर सकती है। चाय पीने से थकान महसूस नहीं होगी और सर दर्द भी नहीं होगा।
दिन में एक समय भोजन
बहुत सी महिलाएं पशुपति व्रत में पुरे दिन निराहार रहती है और भोजन का सेवन नही करती है। पशुपति व्रत में भोजन करना या ना करना यह आपकी श्रद्धा भक्ति है। जो महिलाये कमज़ोर है और बिना भोजन के नहीं रह पाती, वह पूजन करने के बाद तीन समय में से किसी एक समय में भोजन कर सकती है।
जो महिलाएं भोजन नहीं करना चाहती वे महिलाये खा सकती हैं :
वे महिलाएं जो भोजन नहीं करना चाहती वो फरियाल कर सकती हैं। फरियाल बिना नमक का हो तो बेहतर होगा।
- साबूदाने की खीर
- छुहारे की खीर
- मखाने की खीर
आदि का प्रयोग आप पशुपति व्रत में कर सकते हैं।
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