महिला के लिए गर्भवती होने का अनुभव बहुत अलग होता है, इस समय में उसके मन में कई तरह के प्रश्न भी जन्म लेते हैं इसमें उत्तर खोजने के लिए वह इन्टरनेट का उपयोग करती है। अगर आप भी प्रेग्नेंट है या फिर आपके मन में भी प्रेगनेंसी से रिलेटेड प्रश्न है तो आपको इस आर्टिकल में प्रेगनेंसी में मंदिर जाना चाहिए या नहीं? इस प्रश्न का उत्तर मिल जाएगा।
प्रेगनेंसी में मंदिर जाना चाहिए या नहीं?
हिन्दू धर्म में गर्भवती महिलाओं के लिए कुछ नियम होते हैं जिनका पालन करना उनके लिए जरुरी होता है, हिंदू धर्म में आपको हर उस चीज के बारें में पढ़ने के लिए मिल जाएगा जो जीवन को प्रभावित करती है और व्यक्ति पर गहरा प्रभाव डालती है। शास्त्रों में गर्भवती महिला का मंदिर में जाना सही है या नहीं इस विषय में किसी स्पष्ट रूप से नहीं लिखा गया है, इसीलिए लोगों ने इसे वैकल्पिक माना है तथा कुछ महिलाएं प्रेगनेंसी में मंदिर जाती है। और कुछ महिलाएं प्रेगनेंसी के समय मंदिर जाना अवॉयड करती है। अगर शास्त्रों में प्रेगनेंसी के समय मंदिर न जाने पर किसी प्रकार का स्पष्ट वर्णन नहीं मिलता है इस बात से यह सिद्ध होता है कि प्रेगनेंसी में मंदिर जाना गलत नहीं है।
यदि प्रेगनेंसी में महिला मन्दिर जाएगी तो इस पर तथा बच्चे पर इसका सकारात्मक प्रभाव ही देखने को मिलेगा। मंदिर जाने से मन शांत रहता है, जिसका असर माता तथा बच्चे दोनों पर पड़ता है मन्दिर जाने से भगवान जी की कृपा भी बनी रहती है जिससे माता और बच्चा दोनों स्वस्थ रहते हैं। प्रेगनेंसी के समय भगवान की पूजा अर्चना करें, तथा अपने रूम में बाल गोपाल की मूर्ति तथा मौर पंख रखें, संतुलित आहार लें, वाक पर जाएँ, शराब, धुम्रपान, अधिक तला गला आदि का सेवन न करें।
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