रक्तदान करने से कई जिंदगियां बचाई जा सकती है। यह एक अच्छा जरिया है जिससे जरूरतमंदों के लिए ब्लड सप्लाई बनी रहती है। आकड़ों से पता चला है कि हर दो सेकंड में एक व्यक्ति को ब्लड चढ़ाने की आवश्यकता पड़ती है। रक्तदान से कई जानलेवा बीमारियों से लोगों को बचाया जा सकता है। आइये आज हम आपको बताएंगे की क्या रक्तदान करने से एनीमिया हो सकता है?
क्या रक्तदान करने से एनीमिया हो सकता है?
रक्तदान करने से एनीमिया नहीं होता है। एनीमिया के अलावा भी कोई भी बीमारी रक्तदान करने से नहीं होती है। यह बिमारी असल में लाल रक्त कोशिकाएं या हीमोग्लोबिन की काफी कमी से हो जाती है। ऐसा होने के कारण लोग एनीमिया के शिकार हो जाते हैं। अगर हमारे देश की बात की जाये तो यहां एनीमिया के मरीजों की संख्या दिन प्रतिदिन बढ़ती ही जा रही है, जिसमे ज्यादातर महिलाएं इसकी चपेट में बहुत जल्दी आती हैं। कोशिकाओं से मानव शरीर की कई चीजें जुड़ी हुई है। अगर कोशिकाओं को सही मात्रा में ऑक्सीजन न मिले तो शरीर में ऊर्जा की भारी कमी हो जाती है, जिसके कारण एनीमिया पीड़ित मरीज कमजोरी महसूस करता है।
यह बात सच है की एनीमिया पीड़ित लोगों को रक्तदान नहीं करना चाहिए। ऐसा करने से उनके शरीर में बहुत ज्यादा कमजोरी आने की संभावना होती है। चिकित्स्कों के मुताबिक रक्तदान उसी व्यक्ति को करना चाहिए जिसके शरीर में हीमोग्लोबिन का लेवल 12.5 या उससे अधिक होता है। यह भी एक फैक्ट वाली बात है की एक यूनिट ब्लड डोनेट करने से केवल एक ग्राम हीमोग्लोबिन ही कम होता है। यही एक कारण है की हर किसी को रक्तदान के बाद कमजोरी नहीं आती है। इसके बावजूद यह कहा जाता है की रक्तदान से पूर्व खाना खा लेना चाहिए ताकि कमजोरी की संभावना न के बराबर हो जाए।
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