HomeParentingसद्गुरु ने बताया बच्चों की परवरिश का सही तरीका

सद्गुरु ने बताया बच्चों की परवरिश का सही तरीका

सद्गुरु ने अभिभावकों को बच्चों की परवरिश के सही तरीको के बारें में भी बताया है कि किस तरह माता-पिता अपने बच्चे की सही तरीके से परवरिश कर सकते हैं ताकि वह जीवन में सफलता पा सकें और हमेशा खुश रह सकें।

व्यक्ति के जीवन में पल-पल पर बदलाव हो सकते हैं पर जीवन में सबसे बड़ा बदलाव यदि किसी के जीवन में होता है तो वह उसकी शादी के बाद ही होता है, क्योकि शादी के बाद व्यक्ति की जिम्मेदारियां बड़ जाती है तथा पेरेंट्स बनने के बाद उसे हर निर्णय से पहले अपने बच्चो के बारें में सोचना पड़ता है। बच्चो की परवरिश में बड़ी मेहनत लगती है और यदि इस पर सही से ध्यान न दिया जाएं तो बच्चे के साथ साथ माता-पिता का भी भविष्य खराब हो सकता है। इसीलिए सद्गुरु ने भारतीय अभिभावकों को इस बारें में बताया कि वह किन बातों का ध्यान रख कर बच्चें की परवरिश कर सकते हैं। तो आइये जानते हैं कि सद्गुरु के अनुसार बच्चों की परवरिश के तरीके क्या-क्या है?

सकारात्मक वातावरण

हर पेरेंट्स अपने बच्चे के लिए बहुत कुछ करते हैं और उनकी लाइफ को आसान बनाने के लिए उन्हें समझाते रहते हैं, पर अक्सर पेरेंट्स यह भूल जाते हैं कि उन्हें यदि बच्चे की सही तरीके से परवरिश करनी है तो उसे बचपन से ही सकारात्मक माहौल देना होगा। यदि बच्चे को शुरू से ही सकारात्मक वातावरण मिलेगा तो वह अनुशासित रहेगा तथा कभी भी गलत राह पर नहीं जाएगा। इसीलिए हर माता-पिता का कर्तव्य है कि वह अपने बच्चों के आस-पास एक सही और सकारात्मक माहोल रखने की कोशिश करें।

हर बच्चें में होते हैं अलग गुण

कई बार पेरेंट्स यह नहीं जान पाते हैं कि उनका बच्चा वह सब नहीं करना चाहता है जो वो उससे चाहते हैं या फिर वह अपने बच्चें से कुछ ज्यादा ही उम्मीद लगा लेते हैं जिस कारण बच्चा चिड़चिड़ा हो सकता है और कई बार बच्चा बदतमीज भी हो जाता है। इसीलिए यह हर माता-पिता को समझना चाहिए कि हर बच्चा अलग होता हैं उन्हें अपने बच्चें की योग्यताओं को पहचानना चाहिए और उस पर ध्यान देना चाहिए की किस तरह वह उनके दबाव के बीना जीवन में सफल हो सकता है।

बच्चों से भी सीखें

यदि आप हमेशा अपने बच्चें को ज्ञान देते रहते हैं तो आपको ऐसा करने से बचना चाहिए, क्योकि ऐसा करने से बच्चा आपको नज़रंदाज़ करने लगता है और आपकी बातों का उस पर किसी प्रकार का कोई प्रभाव नहीं पड़ता है। पर हर समय ऐसा नहीं करना चाहिए कई बार बच्चो से भी सिखने की कोशिश करना चाहिए ताकि उसे भी अच्छा महसूस हो और आप भी बच्चे को समझ सकें। हमें केवल बच्चे को सही राह पर चलना सिखाना है उस पर कभी भी दबाव नहीं बनाना है और नही उसे हर समय राय देना है।

बच्चें को दें थोड़ी आज़ादी

कई बार पेरेंट्स को लगता है कि वह यदि वह बच्चे को आज़ादी देंगे तो वह बिगड़ जाएगा और उनकी कोई बात नहीं मानेगा। पर ऐसा नहीं है यदि बच्चें को आज़ादी न दी जाएँ और उसे हर समय ऐसा महसूस हो कि वह कई तरह की बन्दिशो के बीच जी रहा है इस कारण वह कभी भी जीवन में सही निर्णय नहीं ले सकेगा, इसीलिए बच्चे को सही मात्रा में आज़ादी देना भी जरुरी है, पर आपको बच्चें का ध्यान भी रखना होगा कि कही वह आज़ादी का गलत उपयोग तो नहीं कर रहा है यदि पेरेंट्स को लगता है कि उनके द्वारा दी गयी आज़ादी का बच्चा अलग उपयोग कर रहा है तो उन्हें तुंरत ही सही तरीको से उसे समझाना चाहिए ।

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