भगवान शिव को आशुतोष के नाम से भी जाना जाता है। शिवलिंग पर जल अर्पित करने से भगवान शिव अति प्रसन्न होते हैं। ऐसा करने से यह मान्यता है की वे अपने भक्तों की इच्छा पूरी करते हैं। पौराणिक कथाओं के अनुसार समुंद्रमंथन के दौरान विष पीने के कारण भगवान शिव का ताप बढ़ गया था। इस ताप को शीतलता प्रदान करने हुवे सभी देवी-देवताओं ने उन पर जल चढ़ा कर उनको शीतलता प्रदान की थी। इसी अभिप्राय से जल चढ़ाने का विशेष महत्व है। यह करने से मानसिक और शारीरिक पाप का नाश होता है। आइये आज हम आपको बताएंगे की शाम को शिवलिंग पर जल चढ़ाना चाहिए या नहीं?
शाम को शिवलिंग पर जल चढ़ाना चाहिए या नहीं?
शाम को शिवलिंग पर जल चढ़ाया जा सकता है। अगर आप चाहें तो घर पर भी शिवलिंग रख सकता है परन्तु ध्यान रहे कि घर में एक से अधिक शिवलिंग की स्थापना न करें। शिवलिंग को खुले स्थान पर रखना आवश्यक है। इसके साथ ही शिवलिंग पर जलधारा भी रखना आवश्यक है। जल चढ़ाने के अलावा सरसों का तेल चढ़ाने की भी मान्यता लोगों ने कई बार सुनी है। इसी बात को ध्यान में रखते हुवे हम बता दे की आपको किसी शत्रु का भी हो तो आप भगवान शिव को सरसों का तेल चढ़ा सकते हैं। इसे आप किसी भी दिन चढ़ा सकते हैं। यह करने से गुप्त शत्रु तक से छुटकारा मिल जाता है। इसी प्रकार शिवलिंग पर चावल चढ़ाने से धन और मान-सम्मान की प्राप्ति होती है। कुछ लोगों को घर पर चल रहे कलह से भी बहुत दुविधा होती है। वह कही एक जगह ध्यान केंद्रित नहीं कर पाता है। ऐसी चीजों से छुटकारा पाने के लिए आप शिवलिंग पर दूध से अभिषेक कर सकते हैं। ऐसा करने से घर में मौजूद कलह दूर हो जाएंगे।
यह भी पढ़ें:
सोमवार के व्रत में नमक खाना चाहिए या नहीं ?
पशुपति व्रत (Pashupati Vrat) में क्या खाना चाहिए?
12 ज्योतिर्लिंग के नाम और कहाँ स्थित है ?