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शिव पुराण के अनुसार पुत्र प्राप्ति के उपाय क्या-क्या हैं?

पुत्र और मोक्ष को हमारे ग्रंथों में जोड़ा गया है। हिन्दू धर्म के ग्रंथ के मुताबिक़ यह माना जाता है की जिस मनुष्य को पुत्र की प्राप्ति नहीं होती उसे मोक्ष का मिलना कठिन होता है। यह इसलिए माना जाता है क्योंकि पिता का पिंडदान पुत्र के द्वारा किया जाता है। पुत्र के पिंडदान के पश्चात ही पिता को मोक्ष की प्राप्ति होती है। ग्रंथों में यह भी बताया है की कुछ लोगों को किसी दोष के कारण भी पुत्र प्राप्ति नहीं होती है। अगर आपको किसी भी दोष से मुक्ति पानी है तो आप महादेव की पूजा अर्चना कर सकते हैं। पुत्र प्राप्ति हेतु आपके मन में श्रद्धा और विश्वास होना अतिआवश्यक है। आज हम आपको बताएंगे की शिव पुराण के अनुसार पुत्र प्राप्ति के उपाय क्या-क्या हैं?

शिव पुराण के अनुसार पुत्र प्राप्ति के उपाय क्या-क्या हैं?

शिव पुराण के अनुसार पुत्र प्राप्ति के उपाय निम्नलिखित रूप से बताये गए हैं :-

  1. शिव पुराण के अनुसार यह उपाय केवल पुत्रदा एकादशी के दिन किया जा सकता है। वर्ष में पुत्रदा एकादशी केवल दो बार आती है। पहली पुत्रदा एकादशी श्रावण के महीने में आती है और दूसरी पौष के महीने में आती है। इस एकादशी पर आप एक छोटी सी कटोरी में साबूदाने या चावल की खीर, दूसरी कटोरी में गाय का घी, 2 बेलपत्र और 1 लम्बी बाती वाला देसी घी का दीपक लेकर शिव मंदिर में जाएँ। शिवलिंग के पूजन के पश्चात दोनों कटोरों को शिवजी के समक्ष रख दें। यह करने के बाद दोनों बेलपत्रों को शिवलिंग पर समर्पित करें। यह कार्य होने के बाद शिवजी की चौखट पर घी का दिया प्रज्वलित करें। यह होने के बाद जो बेलपत्र आपने शिवजी को समर्पित किये थे वे वापस उठा लें। एक बेलपत्र शिवजी की चौखट पर संतान की मनोकामना करते हुवे खा लें और दूसरा बेलपत्र घर जाकर अपने पति को खिला दें। ऐसा करने से भोलेनाथ आपके पुत्र प्राप्ति की कामना हो अवश्य पूरा करेंगे।
  2. इस उपाय को करने के लिए केवल 2 सामग्री की आवश्यकता है। पहली श्रीफल (नारियल) और दूसरा पीला या लाल वस्त्र। ध्यान रहे की वस्त्र इतना ही बढ़ा हो की उसे आप नारियल पर 1, 5 या 7 बार लपेट सकें और यदि लपटने के बाद भी वस्त्र बच जाता है तो इसके काटी नहीं बल्कि शिवमंदिर जाकर इस वस्त्र को लपेटते हुवे पुत्र प्राप्ति की मनोकामना करें। अब इस वस्त्र में लपेटे श्रीफल को अपना नाम और गौत्र बोलते हुवे शिवलिंग के समक्ष रखें। इसके बाद शिवजी को प्रणाम करके घर आ जाएं। ऐसा करने से आपकी संतान प्राप्ति की मनोकामना अवश्य पूरी होगी।
  3. अगले उपाय में आपको परिजात के पुष्प की आवश्यकता होगी। इस उपाय को किसी भी सोमवार या शनिवार को किया जा सकता है। इसे करने हेतु 50-60 परिजात के पुष्पों की आवश्यकता होती है। अब इन पुष्पों की डंडी को सुखाकर और इसको पीसकर आप इसका पाउडर बना लें। यह पाउडर परिजात पुष्प से बना केसरी चंदन कहलाता है। इस केसरी चंदन और पारिजात के एक पुष्प को लेकर शिव मंदिर जाएं। सबसे पहले आपको शिवलिंग के अशोक सुंदरी वाले स्थान पर परिजात का पुष्प कुछ इस प्रकार रखने है की उसकी डंडी शिवलिंग की तरफ हो और पुष्प का मुख आपकी और हो। यह करने के बाद इस पुष्प को उठाएं और माता पार्वती का जो हस्त कमल है उस पर सफेद भाग आगे और डंडी वाला भाग पीछे करके समर्पित करें। यह करने के बाद आपको फिर से इस पुष्प को उठाकर शिवलिंग पर इस प्रकार रखना है की उसका डंडा शिवलिंग की और हो और पुष्प आपकी तरफ हो। यह करने के बाद जो केसरी चंदन आप साथ लाये हैं उससे शिवलिंग पर त्रिपुंड बनाएं। इस पूरी विधि के दौरान संतान प्राप्ति की मनोकामना मन में बोलते रहें। यह करने से महादेव आपकी मनोकामना अवश्य पूरी करेंगे।
  4. पुत्र प्राप्ति की मनोकामना पूर्ण करने के लिए आपको लाल चन्दन, पीला चन्दन तथा 1 बेलपत्र की जरुरत पड़ेगी। अब लाल चंदन और पिले चंदन का लेप बना लें। इसमें जो लाल चंदन है उसका लेप बेलपत्र के ऊपरी भाग पर लगाएं और नीचे के शेष पत्तों पर पिले चन्दन का लेप लगा दें। यह सामग्री आपको घर पर तैयार कर लेनी है। इसके बाद लेप लगे बेलपत्री, लाल और पिली चन्दन तथा जल को लेकर किसी भी शिव मंदिर में जाएँ। शिव मंदिर पहुंचने के पश्चात सर्वप्रथम शिवलिंग पर जल चढ़ाएं और गिर रहे जल को थोड़ा सा पी लें। यह करने के पश्चात हाथ धो लें और फिर से एक लोटा जल्द शिवलिंग पर चढ़ाएं। अब लाल चंदन से भोलेनाथ का श्रृंगार करें और माता पार्वती के स्थान पर भी लाल चंदन का लेप लगाएं। अशोक सुंदरी वाले स्थान पर भी लेप लगाना आवश्यक है। ऐसा करते हुवे पूरे शिवलिंग पर लाल चंदन का लेप लगा दें। यह कार्य करते समय महादेव और माता मारवती से पुत्र प्राप्ति की कामना करते रहें। इसके बाद लेप लगे बेलपत्र को शिवलिंग के ऊपर समर्पित कर दें। यह करने के बाद एक लोटा जल फिर से शिवलिंग पर समर्पित करें। ऐसा करने से महादेव और माता पार्वती आपकी कामना अवश्य पूरी करेंगे।
  5. पुत्र प्राप्ति का अगला उपाय सफ़ेद जड़ से जुड़ा है। इसमें जोड़ों को साथ जाकर सफ़ेद जड़ लाना होता है, इसे लाने के पश्चात शिव मंदिर में जाएं और शिवलिंग पर इसे 21 बार घुमाते समय तुमरुका जी का नाम स्मरण करें, इसके बाद इन जड़ों को लाल कपड़े में लपेटने के बाद लाल धागे से अपनी कमर में बाँध लें। यह बांधने के बाद शिव पुराण के अनुसार आपको प्रतिदिन एक महीने तक पीपल का पत्ता तोड़ना है। इस तोड़े हुवे पत्ते को आपको शिवलिंग पर चढ़ाना है और उसके साथ ही कुन्दकेश्वर महादेव को स्मरण करते हुवे इसे उठाकर घर ले जाना है। इस पत्ते को गाय के दूध में रोज उबालकर जोड़ों को पीना होता है। यह ध्यान रहे की पत्ते को उबलने के पश्चात इसे निकालकर किसी वृक्ष के नीचे रख दें, इस पीपल के पत्ते का सेवन 1 महीने तक करना होता है। अगर आप यह करने के बाद गर्भवती हो जाती हैं तो इसे कमर पर से खोलना नहीं है। यह आपको गर्भवती होने के 3 महीने बाद खोलना है। खोलने के पश्चात इन जड़ों को किसी वृक्ष के नीचे रखना अनिवार्य है।
  6. यह उपाय करने के लिए किसी भी सोमवार की अष्टमी बेहतर मानी जाती है। अगर यह न भी हो पाए तो आप किसी सोमवार से यह उपाय कर सकते हैं, यह करने से पूर्व एक देसी घी का दिया उसी बेलपत्री के वृक्ष के नीचे अवश्य प्रज्वलित कर दें, इसमें आपको बेलपत्र के वृक्ष के नीचे एक ब्राह्मण – ब्राह्मणी और उनके बच्चों को बिठाकर खीर का भोजन खिलाना है, उनका भोजन होने के पश्चात उन्ही झूठी खीर को पुत्र प्राप्ति की कामना करते हुवे उसी बेलपत्र के वृक्ष के नीचे खाना है, यह करने से महादेव की कृपा होगी और 3 महीने में संतान की प्राप्ति होगी।
  7. शिवपुराण के अनुसार पति-पत्नी सावन के महीने में सुबह जल्दी उठकर उपवास करें। इसके साथ ही पति-पत्नी को मिलकर गेंहू के आटे से 11 पार्थिव शिवलिंग का निर्माण करना होता है। यह कार्य होने के पश्चात सारे शिवलिंग का बारी-बारी शिव महिम्र स्त्रोत का पाठ करते हुवे अभिषेक करें, ऐसा करने से आप 11 शिवलिंग का अभिषेक करेंगे और साथ ही महिम्र स्त्रोत का 11 बार पाठ करेंगे। अगर आपसे यह नहीं हो पाता तो आप किसी विद्वान ब्राह्मण को निमंत्रित कर सकते हैं। पूजन के पश्चात पार्थिव शिवलिंग के पवित्र जल का पीटीआई-पत्नी को सेवन करना है, इसका सेवन करते समय महादेव से पुत्र प्राप्ति की कामना अवश्य करें। यह सारे कार्य होने के बाद आप इन 11 पार्थिव शिवलिंग को किसी नदी के बहते जल में प्रवाहित कर दें। यह सम्भव न होने पर घर के जल को किसी बर्तन में रखें और उसी जल में पार्थिव शिवलिंग को प्रवाहित करें तथा बाद में उस जल को किसी मंदिर या पीपल के वृक्ष के नीचे डाल आएं, यह 21 दिन तक करना है अर्थात 21 सोमवार तक करना है, यह पूरी श्रद्धा और भक्ति से करने पर महादेव आपकी कामना अवश्य सुनेंगे।
  8. इस उपाय में हम आपको बांस के पत्तों से पुत्र प्राप्त का उपाय बताएंगे। इसके लिए आप बांस के पत्ते को पीसकर दूध या पानी में उबाल कर इससे शिवलिंग का अभिषेक करें। यह करते वक़्त पुत्र प्राप्ति की कामना करते रहें। यह करने से महादेव आपकी मनोकामना जरूर पूरी करेंगे।
  9. यह उपाय काफी सरल माना जाता है। शिव पुराण के अनुसार आपको प्रत्येक दिन शिव मंदिर जाकर गेहूं के कुछ दाने शिवलिंग पर समर्पित करने है। यह करने के बाद आपको मंदिर में ही बैठकर किसी भी शिव मंत्र का जाप करना है। यह उपाय करने से आपकी मनोकामना महादेव जल्द ही पूरी कर देंगे।
  10. यह ज्यादातर लोग जानते हैं की महादेव को धतूरे का फल या फूल अतिप्रिय है, इसे शिवलिंग पर चढ़ाने से इंसान के कई पाप नष्ट हो सकते हैं। इसके अलावा आपको वास्तु-दोष, कुंडली-दोष या फिर पितृ-दोष की वजह पुत्र की प्राप्ति नहीं हो पा रही हो तो ये उपाय अवश्य करें। यह करने से आपकी मनोकामना महादेव जरूर पूरी करेंगे।
  11. यह उपाय आपको केवल बैशाख के महीने में करना है, इसे वैशाख महीने की शिवरात्रि, अष्टमी तिथि या फिर किसी भी सोमवार के दिन को कर सकते हैं, इन दिनों इसका विशेष फल मिलता है। इसके बाद आपको एक मिट्टी और एक ताम्बे के कलश में पानी भरना है। यह करने के बाद आपको मिट्टी के कलश के ऊपर ताम्बे का कलश रखना है, ततपश्चात इन्हे वटवृक्ष के निचे स्थित किसी शिवलिंग के पास लेकर जाएं। शिवलिंग के समक्ष पहुंच कर अपने सीधे हाथ में मिट्टी का कलश रखें तथा उलटे हाथ अर्थात बाएं हाथ से तांबे के कलश को पकड़े, अब माता प्रसूति, दक्ष प्रजापति और माता वीरणी, इन तीनों का स्मरण करते हुए धीरे धीरे शिवलिंग पर जल समर्पित करें, इसके पश्चात वही पर उस जल का पान दोनों पति-पत्नी कर लें। यह करने से महादेव आपकी मनोकामना जल्द ही सुनेंगे।
  12. यह उपाय लड्डू गोपाल से जुड़ा हुआ है। यह उपाय करने के लिए घर में लड्डू गोपाल की एक मूर्ति ले आएं। यह करने के बाद लड्डू गोपाल के समक्ष गोपाल संतति मंत्र का जाप तुलसी की माला से करें तथा नियमित रूप से उनका पूजन करें, इन्हे रोज माखन मिश्री का भोग लगाएं, इसके साथ ही समर्पित भाव से निरोग, दीर्घजीवी, अच्छे चरित्रवाला, सेहतमंद पुत्र की कामना करें, ऐसा करने से आपकी मनोकामना जल्द से जल्द पूरी होगी।
  13. यह उपाय करने के लिए प्रत्येक सोमवार को संध्या प्रदोष काल में किसी बेलपत्री के वृक्ष के नीचे घी का दिया प्रज्वलित करना होता है। दीपक प्रज्वलित करते हुए शिवजी से पुत्र प्राप्ति की कामना करें, महादेव शीघ्र हीं आपकी यह मनोकामना पूर्ण कर देगें।
  14. यह उपाय करने के लिए श्रावण का महीना बहुत सही माना जाता है, इसके लिए आप प्रत्येक सोमवार को शिवलिंग का पूजन कर 21 कन्यायों को भोजन कराएं। ऐसा कराने से शीघ्र हीं इच्छित संतान की प्राप्ति हो जाती है।
  15. इस उपाय को करने के लिए 11 बेलपत्री, पीपल, आम या नीम के वृक्ष का रोपण अपने हाथों से करें और जब तक यह पेड़ बड़े नहीं हो जाते तब तक ह्रदय से इनकी देखभाल करें। ऐसा करने से जल्द ही पुत्र या मनचाही संतान की प्राप्ति हो जाती है।

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