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शिवलिंग पर कौन सा चंदन चढ़ाना चाहिए

शिवलिंग के शाब्दिक अर्थ की बात की जाए तो ‘शिव’ का अर्थ है ‘परम कल्याणकारी’ और ‘लिंग’ का अर्थ होता है ‘सृजन’। लिंग का अर्थ संस्कृत में चिंह या प्रतीक होता है। इस तरह शिवलिंग का अर्थ हुआ शिव का प्रतीक। भगवान शिव को देव आदिदेव भी कहा जाता है। शिवलिंग को लिंगा, पार्थिव-लिंग, लिंगम् या शिवा लिंगम् भी कहते हैं। यह हिंदू भगवान शिव का प्रतिमाविहीन चिह्न है। शिव आसानी से प्रसन्न होने वाले देवता है। शिवलिंग पर जल चढाने का विधान पुराणों म बताया गया हैं। इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे शिवलिंग पर कौन सा चंदन चढ़ाना चाहिए ?

शिवलिंग पर कौन सा चंदन चढ़ाना चाहिए

भगवान शिव की पूजा में चंदन का विशेष महत्व है। हिंदू धर्म में पूजा-पाठ के दौरान कई तरह से चंदन उपयोग में लिए जाते है जैसे – सफेद चन्दन , लाल चन्दन , पीला चंदन आदि। सभी का अपना अपना महत्व होता हैं। देवताओ के लिए अलग अलग चन्दन का प्रयोग किया जाता है। शिवलिंग पर सफेद रंग का चन्दन बहुत ही प्रिय है। हलाकि श्रृंगार से दौरान लाल चन्दन और पीले चन्दन का भी प्रयोग किया जाता हैं।

शिव जी को चन्दन चढ़ाने की विधि

  • सबसे पहले शिव जी को जल से अभिषेक कराएं।
  • पुराणों के अनुसार श्रावण में दूध पीना वर्जित माना गया है, क्यूंकि इस मास में दूध सेहत के लोए हानिकारक होता हैं। पुराणों म दूध का सेवन न करते हुए शिवलिंग को अर्पित करने का विधान बताया गया हैं।
  • शिवजी को तीन पत्तियों वाला बिल्वपत्र चढ़ाये। यह तीन पत्तियां शिवजी के तीन नेत्रों का प्रतिक मानी जाती हैं।
  • इसके बाद आँकड़े का पुष्प अर्पण करें। एक आँकड़े का फूल सोने के दान के बराबर बताया गया हैं।
  • अब शिवजी को भांग और धतूरा चढ़ाना चाहिए।
  • चन्दन का त्रिपुण्ड शिवलिंग पर लगाना चाहिए। चन्दन शीतलता का प्रतिक होता हैं। शिवलिंग पर चंदन लगाने से मान सम्मान में वृद्धि होती हैं।
  • चावल अर्थात अक्षत। अक्षत किसी भी पूजा में बहुत ही आवश्यक माना जाता हैं। अक्षत का पूजा में बहुत ही महत्व होता हैं। जब कोई पूजन सामग्री नहीं होती तो उस सामग्री की जगह आप अक्षत का प्रयोग कर सकते हैं।

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