तुलसी एक ऐसा पौधा है जो हर हिन्दू के घर में होता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार प्रतिदिन तुलसी की पूजा करना चाहिए। धर्म में तुलसी के पौधे को पवित्र माना जाता है। और यह केवल एक पौधा ही नहीं बल्कि एक औषधि है जो हमें कई बीमारियों से दूर रखती है। आज हम जानेंगे तुलसी कितने प्रकार की होती है और तुलसी का महत्व क्या है ?
तुलसी कितने प्रकार की होती है
हिन्दू धर्म में तुलसी को मां लक्ष्मी का रूप मानकर घर के आंगन में पूजनीय स्थान दिया जाता है। इसके अलावा भी तुलसी के वैज्ञानिक व आयुर्वेद की दृष्टी से कई लाभ मिलते हैं। तुलसी कुल 5 प्रकार होती हैं, जो स्वास्थ्य से लेकर वैज्ञानिक और आध्यात्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है।
तुलसी के प्रकार
- श्याम तुलसी,
- राम तुलसी,
- श्वेत/विष्णु तुलसी,
- वन तुलसी,
- नींबू तुलसी
श्याम तुलसी
श्यामा तुलसी की पत्तियां गहरे रंग की अर्थात श्याम रंग या फिर बैंगनी रंग की होती हैं। इसी वजह से इसे श्यामा तुलसी कहते हैं। श्यामा तुलसी को कृष्ण तुलसी के नाम से भी जाना जाता है। इसे घर में लगाने से सुख समृद्धि आती है।
राम तुलसी
जिस तुलसी के पौधे की पत्तियां हरे रंग की होती हैं, उसे राम तुलसी कहते हैं। इसे उज्ज्वल तुलसी के नाम से भी जाना जाता है। राम तुलसी की पत्तियां आकार मे सामान्य होती हैं तथा हल्की मिठास भरी होती है। इस तुलसी की पत्तियों का इस्तेमाल पूजा-पाठ में किया जाता है।
श्वेत तुलसी
श्वेत तुलसी को विष्णु तुलसी के नाम से भी जाना जाता है। विष्णु तुलसी की सबसे प्रमुख पहचान यह है कि जब इसके पुष्प आते हैं तब वह सफेद रंग के होते हैं। इसका प्रयोग बच्चों के कफ, खांसी, जुकाम, आदि में किया जाता है।
वन तुलसी
जैसा की नाम से विदित है जंगली/वन तुलसी अर्थात जो जंगल मे पायी जाती हैं। ज्योतिष शास्त्र में इस पौधे को घर में लगाने से वर्जित किया गया है।इसके पौधों में वर्ष भर फूल और फल लगे रहते हैं। फूल सुगंधित होने के साथ सफेद, गुलाबी या बैंगनी रंग के होते हैं।
नींबू तुलसी
इस तुलसी को लेमन या नींबू तुलसी इसलिए कहा जाता है क्योंकि इसकी खुशबू नींबू जैसी होती है। इस तुलसी में विटामिन A प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। इस किस्म में तुलसी एवं लेमन ग्रास दोनों के गुण मौजूद होते हैं।
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