HomeTravellingये हैं उज्जैन में घूमने की बेस्ट जगह

ये हैं उज्जैन में घूमने की बेस्ट जगह

उज्जैन एक धार्मिक नगरी है। धार्मिक संस्कृति से संबंधित उज्जैन में घूमने की जगह बहुत सी है। यहाँ प्रतिदिन हजारों की संख्या में लोग भ्रमण करने के लिए आते हैं। उज्जैन शहर में लगने वाला कुंभ मेला 12 साल में सिर्फ एक बार लगता है और इस कुंभ मेले में लाखों की संख्या में देश विदेशों से लोग भ्रमण के लिए आते हैं।

उज्जैन में घूमने की जगह

अवंतिका नगरी अर्थात उज्जैन में घूमने की बजह बहुत सी है। यहाँ धार्मिक स्थलों के साथ साथ अन्य मनोरंजन की जगह भी हैं। आइये जानते हैं इन जगहों के बारें में :

महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग और महाकाल लोक

बाबा महाकाल की नगरी के नाम से प्रसिद्ध है, उज्जैन। बारह ज्योतिर्लिंगों में से तीसरी ज्योतिर्लिंग बाबा महाकाल का है। यह एक मात्र दक्षिणमुखी ज्योतिर्लिंग हैं। कच महीनो पहले ही महाकाल लोक का निर्माण पूरा हुआ हैं। और इसे दर्शकों के लिए खोला भी गया हैं। महाकाल लोक 20 किलोमीटर में बना हुआ हैं। यहाँ बहुत सी प्रतिमाए हैं। यहाँ घूमने के लिए आपको कम से कम ४ घंटे लगते हैं।

कुम्भ मेला

जब देवताओं और दानवों में अमृत के लिए लड़ाई चल रही थी उसी बीच अमृत की 4 बुँदे धरती पर गिरी थी। उनमे से एक बून्द उज्जैन में क्षिप्रा नदी में गिरी थी। इसी लिए यहाँ कुम्भ का मेला लगता है। कुंभ मेला हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण तीर्थ माना जाता है। यह भारत में ही नहीं दुनियाभर में कुंभ मेला प्रसिद्ध है। इस समय क्षिप्रा नदी में स्नान करने की मान्यता हैं।

कलियादेह महल (KD पैलेस)

उज्जैन में स्थित कलियादेह पैलेस जो उज्जैन की धार्मिक संस्कृति को बढ़ावा देता है। आज के समय में यह पहले पर्यटकों के लिए घूमने का सबसे सुनहरा पैलेस माना जाता है। धार्मिक मान्यताओं के साथ साथ यह पैलेस प्राकृतिक सुंदरता से भी परिपूर्ण हैं। यह किला सुबह 9:00 से शाम 6:00 बजे तक खुला रहता है। इस समय जा कर आप इस धरोहर का सम्पूर्ण लाभ ले सकते हैं।

डब्ल्यू डब्ल्यू एफ वाटर पार्क (WWF water park)

यदि आप तीर्थ स्थानों पर घूमने आए हैं और आपको अब कुछ पल मनोरंजन में गुजारने हैं, तो यह आपके लिए बेहतरीन जगह है। इस वॉटर पार्क आप अपने बच्चों और परिवार के साथ कुछ पल मनोरंजन के बिता सकते हैं। इसके बाद यहां पर रुकने का भी प्रबंध है। आप आराम से यहां घूमने के बाद ठहर सकते हैं।

भर्तहरी गुफा

उज्जैन के पर्यटक स्थलों की सूची में इस गुफा का नाम भी हैं। राजा विक्रमादित्य के भाई का नाम भर्तहरी था। उन्होंने अपने सारे राजसिक सुख और सांसारिक रिश्तों को छोड़कर साधना करने का निश्चय किया। भर्तहरी ने जिस गुफा में जा कर साधना और ध्यान किया राजा विक्रमादित्य के उस गुफा का नाम भाई के नाम पर रख दिया।

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